तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में शनिवार को एक बड़ा हादसा हुआ। निर्माणाधीन श्रीशैलम सुरंग की छत का एक हिस्सा गिरने से आठ मजदूर अंदर फंस गए, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद से बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। प्रशासन और राहत टीमें मजदूरों को सुरक्षित निकालने में जुटी हैं। हादसे में फंसे मजदूर अलग-अलग राज्यों के हैं, जिनमें झारखंड, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश के श्रमिक शामिल हैं। सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और जल्द से जल्द राहत कार्य पूरा करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
12 किलोमीटर अंदर ढही सुरंग, 50 मजदूरों में मची अफरा-तफरी
हादसे के समय करीब 50 मजदूर सुरंग में काम कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, सुबह करीब 8:30 बजे सुरंग के 12-13 किलोमीटर अंदर छत का एक हिस्सा अचानक गिर गया। इस हादसे में आठ मजदूर दब गए, जबकि 42 मजदूर समय रहते वहां से भागने में सफल रहे। सुरंग का निर्माण तेलंगाना सरकार के स्वामित्व वाली कोयला खनन कंपनी एससीसीएल द्वारा किया जा रहा था।
इंजीनियर और मशीन ऑपरेटर भी फंसे, बचाव कार्य तेज
सूत्रों के मुताबिक, सुरंग में फंसे लोगों में दो इंजीनियर, दो मशीन ऑपरेटर और चार श्रमिक शामिल हैं। घटना के तुरंत बाद सिंचाई विभाग और पुलिस ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। प्रशासन पूरी ताकत के साथ मजदूरों को सुरक्षित निकालने की कोशिश में जुटा है।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री की कड़ी नजर
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी हादसे पर चिंता जताते हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव कदम उठाने की बात कही। राज्यमंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने भी घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
तेज बहाव बना खतरा, राहत कार्य में आ रही दिक्कतें
अधिकारियों के अनुसार, हादसे के वक्त सुरंग में पानी का बहाव तेज हो गया था, जिससे राहत कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। हालांकि, प्रशासन और बचाव दल हर चुनौती का सामना करते हुए मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
सवालों के घेरे में सुरक्षा उपाय
यह हादसा निर्माणाधीन सुरंगों में सुरक्षा उपायों को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है। क्या निर्माण कार्य में जरूरी सावधानियां बरती गई थीं? क्या सुरंग की मजबूती की जांच समय पर की गई थी? यह सभी सवाल अब जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गए हैं।
आगे क्या?
सरकार ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और जल्द ही रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। हादसे के बाद मजदूरों के परिवारों में चिंता का माहौल है। अब सबकी निगाहें बचाव दल पर टिकी हैं, जो मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए जी-जान से जुटा हुआ है।
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