Item 1 Item 2 Item 3 Item 4 Item 5 Item 6 Item 7 Item 8

यूक्रेन पर डोनाल्ड ट्रंप का नया दांव: दुर्लभ खनिज संपदा के लिए अमेरिका की बड़ी चाल?

By Citi Times

Published on:

Big controversy over the release of Israel-Hamas prisoners: Wait till the return of Gaza hostages!
---Advertisement---

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने वैश्विक राजनीति को हिला कर रख दिया है। इस संघर्ष में अमेरिका ने यूक्रेन की मदद के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं, लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप इस आर्थिक मदद की भरपाई के लिए नई योजना बना रहे हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के चुनावी दौड़ में फिर से शामिल ट्रंप अब यूक्रेन की दुर्लभ खनिज संपदा को लेकर बड़े फैसले की ओर बढ़ रहे हैं।

हाल ही में वॉशिंगटन में आयोजित कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (CPAC) में ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया कि वे अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी गई मदद को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा, “हमने जो पैसा यूक्रेन को दिया है, हम उसे वापस पाना चाहते हैं। बदले में हमें दुर्लभ खनिज और तेल चाहिए। हमें अपना पैसा वापस मिलेगा।” इस बयान के बाद वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई है।

यूक्रेन को मजबूर कर रहे हैं ट्रंप?

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद यूक्रेन पर बढ़ते अमेरिकी दबाव को लेकर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन के स्पेशल दूत कीथ केलॉग ने हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति अमेरिका के साथ समझौते को “महत्वपूर्ण” मानते हैं। लेकिन यूक्रेन अब भी इस डील को स्वीकार करने से पहले कुछ आश्वासन चाहता है।

यूक्रेनी सूत्रों के मुताबिक, कीव सरकार चाहती है कि किसी भी समझौते में सुरक्षा की गारंटी दी जाए। यूक्रेन तीन साल से रूस के हमले झेल रहा है और उसे डर है कि अगर अमेरिका केवल आर्थिक लाभ के लिए समझौता करता है तो उसकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

यूरोपीय देशों में बढ़ी चिंता

डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम से यूरोपीय देशों में भी चिंता बढ़ गई है। हाल ही में ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ कहा और उन पर युद्ध समाप्त न करने का आरोप लगाया। इस बयान के बाद यूरोप के राजनयिकों ने चिंता जताई है कि अमेरिका की यह नीति यूक्रेन की स्थिति को और भी कमजोर कर सकती है।

इसके अलावा, हाल ही में सऊदी अरब के रियाद में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मुलाकात भी इस पूरे घटनाक्रम को और उलझा रही है। इस बैठक में अमेरिका ने संकेत दिया कि युद्ध समाप्त होने के बाद रूस पर लगे प्रतिबंधों में कुछ ढील दी जा सकती है।

यूक्रेन के खनिज संपदा पर डील: सौदा या दबाव?

डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दी गई अमेरिकी मदद की भरपाई के लिए 500 अरब डॉलर मूल्य की दुर्लभ खनिज संपदा पर डील करने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन यूक्रेन ने इस प्रस्ताव को फिलहाल ठुकरा दिया है। यूक्रेनी सूत्रों ने कहा, “हम नहीं समझ पा रहे कि यह किस तरह की साझेदारी है? हमें 500 अरब डॉलर क्यों देने चाहिए, इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन ने इस सौदे में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन अमेरिका इस पर अभी सहमत नहीं हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रूस के आक्रमण के बाद से अमेरिका ने यूक्रेन को लगभग 65.9 अरब डॉलर की सैन्य सहायता दी है, जबकि जर्मन आर्थिक शोध संस्थान कील इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2022 से 2024 के बीच यह सहायता 119.8 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है।

क्या होगा आगे?

डोनाल्ड ट्रंप की इस नई नीति से यूक्रेन को लेकर अमेरिका की विदेश नीति पूरी तरह बदलती नजर आ रही है। अगर यह सौदा होता है, तो यह युद्धग्रस्त यूक्रेन की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए नया संकट खड़ा कर सकता है। दूसरी ओर, अगर अमेरिका और यूक्रेन इस समझौते पर सहमत नहीं होते, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप प्रशासन की अगली रणनीति क्या होगी।

फिलहाल, यूक्रेन और अमेरिका के बीच इस मुद्दे को लेकर वार्ता जारी है और पूरी दुनिया की नजर इस बड़े फैसले पर टिकी हुई है।

Citi Times

भारत की तेजी के साथ उभरती ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट पर रोजाना देश विदेश की ख़बरों के साथ साथ मनोरंजन, खेल जगत, टेक्नोलॉजी, बिज़नेस की ख़बरें प्रकाशित होती है। रोजाना की ताजातरीन ख़बरों के लिए सिटी टाइम्स के साथ में जुड़े रहिये।

Leave a Comment