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इजरायल-हमास कैदियों की रिहाई पर बड़ा विवाद: गाजा के बंधकों की वापसी तक इंतजार!

By Citi Times

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Big controversy over the release of Israel-Hamas prisoners: Wait till the return of Gaza hostages!
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इजरायल और हमास के बीच कैदियों की अदला-बदली को लेकर बड़ा गतिरोध खड़ा हो गया है। इजरायल ने साफ कर दिया है कि जब तक गाजा में बंधक बनाए गए इजराइली नागरिकों की सुरक्षित वापसी नहीं हो जाती, तब तक सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों को रिहा नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे ने संघर्षविराम समझौते के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि हमास को बंधकों को सौंपने के अमानवीय और अपमानजनक तरीकों को तुरंत बंद करना चाहिए। यह बयान उस वक्त आया जब ‘ऑफर जेल’ से रिहा किए जाने वाले फलस्तीनी कैदियों को ले जा रहे वाहन मुख्य द्वार से बाहर निकलने के बाद वापस लौट गए।

620 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई पर रोक!

हमास ने शनिवार को छह इजरायली बंधकों को रिहा किया था, जिसके बदले में 620 फलस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाना था। लेकिन इजरायल ने बंधकों की रिहाई को स्थगित कर दिया। हमास द्वारा छोड़े गए छह बंधकों में से पांच को नकाबपोश आतंकियों की भीड़ के सामने मंच पर लाकर रिहा किया गया। इस अमानवीय प्रक्रिया की संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने कड़ी आलोचना की है।

युद्धविराम समझौते पर संकट गहराया

कैदियों की रिहाई में देरी ने इजरायल-हमास के युद्धविराम समझौते को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है। यह सौदा पहले से ही संवेदनशील स्थिति में था, लेकिन अब इस फैसले से तनाव और बढ़ सकता है।

हमास ने कब और कैसे बनाए थे बंधक?

हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला किया था, जिसके दौरान नोवा म्यूजिक फेस्टिवल से कई इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया गया था। अब तक रिहा किए गए छह बंधकों में तीन इजरायली पुरुष हैं, जिन्हें उसी दिन पकड़ा गया था। इसके अलावा, दो अन्य लोगों को लगभग एक दशक से हमास ने बंधक बनाकर रखा था।

रिहाई की अमानवीय प्रक्रिया पर आलोचना

हमास द्वारा छोड़े गए बंधकों को आतंकियों की भीड़ के सामने मंच पर पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें बचाव दल को सौंपा गया। इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए रेड क्रॉस और इजरायल सरकार ने इसे क्रूर और अपमानजनक बताया।

रिहा किए गए बंधकों में ओमर वेंकर्ट, ओमर शेम टोव और एलिया कोहेन शामिल हैं, जिन्हें हमास लड़ाकों के साथ खड़ा किया गया था। शेम टोव, जो स्पष्ट रूप से तनाव में दिख रहे थे, उन्हें आतंकियों के माथे चूमते और भीड़ की ओर हाथ हिलाते देखा गया। इस दौरान उन्होंने सेना की वर्दी पहनी हुई थी, जबकि वे सेना के जवान नहीं हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद बढ़ा

इजरायल और हमास के बीच कैदियों की रिहाई पर यह नया गतिरोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने इस पूरे घटनाक्रम की कड़ी आलोचना की है और इसे मानवीय मूल्यों का उल्लंघन बताया है।

अब देखना यह होगा कि क्या इस फैसले से संघर्षविराम समझौते को कोई नुकसान पहुंचेगा या फिर दोनों पक्ष किसी नए समाधान पर पहुंच पाएंगे।

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